हेराल्ड
केस: सोनिया-राहुल गांधी को 5 मिनट में मिली बेल
कोर्ट से बाहर आते ही मोदी सरकार पर किए
चुन-चुनकर हमले
सोनिया ही नहीं, इंदिरा गांधी से
भी टकरा चुके हैं सुब्रमण्यम स्वामी
जब
भी भारत और भारतीय राजनीती की बात की जाती है . गाँधी परिवार के नाम का जिक्र सबसे
पहले किया जाता है ! “ आज़ादी के पहले से , आज़ादी के बाद तक “ आदम साहस और
आत्मविश्वास के लिए- इस बात का गवाह
वर्तमान में स्वयं इतिहास और उसके पन्ने है और आज एक बार फिर इतिहास में गाँधी
परिवार का नाम जुड़ भविष्य में पलटे जाने वाले पन्नो में जुड़ गया है .
दरअसल नेशनल हेराल्ड केस में वित्तीय गड़बड़ियों के आरोपों पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत सभी आरोपियों को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जमानत दे दी है। अदालत ने 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत प्रदान की। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई आगामी 20 फरवरी को दोपहर 2 बजे मुकर्रर की गई है।यह मामला सुब्रमण्यम स्वामी की निजी आपराधिक शिकायत पर आधारित है जिसमें इन पर धोखधड़ी, साजिश और आपराधिक विश्वाघात का आरोप लगाए गए हैं। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अदालत से अपील की थी कि सोनिया और राहुल के विदेश जाने पर रोक लगाई जाए, जिसके बाद सोनिया गाँधी का ब्यान भी आया था कि कोई हमे डरा नहीं सकता .
‘ दोस्त - दोस्त न रहा ‘

आयरन लेडी इंदिरा गांधी से टकरा गए थे स्वामी
सुब्रमण्यम
स्वामी को गंवानी पड़ी थी नौकरी
गाँधी
परिवार के खिलाफ हुए स्वामी
एक जमाना वो भी था, जब स्वामी आयरन लेडी इंदिरा गांधी से
टकरा गए थे और कोर्ट से जीतकर भी आए थे। सुब्रमण्यम स्वामी के पिता सीताराम
सुब्रमण्यम जाने-माने गणितज्ञ थे। सुब्रमण्यम स्वामी ने आईआईटी के सेमिनारों में
पंचवर्षीय योजनाओं का खुलकर विरोध भी किया। उन्होंने विदेशी पूंजी निवेश पर
निर्भरता को भी भारत के लिए नुकसान दायक बताया। उनका दावा था कि भारत इसके बिना भी
ऊंची विकास दर हासिल कर सकता है। इंदिरा गांधी की नाराजगी के चलते सुब्रमण्यम
स्वामी को दिसंबर 1972 में आईआईटी दिल्ली की नौकरी गंवानी पड़ी थी। वह इसके खिलाफ
अदालत गए और 1991 में अदालत का फैसला स्वामी के पक्ष में आया। वे एक दिन के लिए
आईआईटी गए और फिर पद से इस्तीफा दे दिया था। नानाजी देशमुख ने स्वामी को जनसंघ की
ओर से राज्यसभा में 1974 में भेजा था। आपातकाल के 19 महीने के दौर में सरकार
उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। इस दौरान उन्होंने अमेरिका से भारत आकर संसद सत्र
में हिस्सा भी ले लिया और वहां से फिर गायब भी हो गए थे। 1977 में जनता पार्टी के
संस्थापक सदस्यों में रहे थे। 1990 के बाद वे जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे। 11
अगस्त, 2013 को उन्होंने अपनी पार्टी का विलय
भारतीय जनता पार्टी में कर दिया। इसके बाद वह हमेशा गांधी परिवार के खिलाफ ही नजर
आए।
और
आज भी स्वामी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और उपाध्यक्ष राहुल गाँधी को कोर्ट
में पहुँच दिया . लेकिन सोनिया गाँधी ने जीत हासिल की .
सुनवाई के दौरान अदालत परिसर बंद किया गया
सुनवाई
के दौरान अदालत परिसर को सुरक्षा के लिहाज से बंद कर दिया गया था। इससे पहले
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा, मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, प्रियंका गांधी, एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, शीला दीक्षित के अलावा अन्य भी अदालत
पहुंचे थे।
हम जारी रखेंगे अपनी लड़ाई
नहीं कर सकते सिद्धांतों से समझौता
पूर्व
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, ‘हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे, क्योंकि हम सिद्धांतों से समझौता नहीं
कर सकते।’
बेवजह हाइप क्रिएट किया गया केस , कोर्ट ने बिना शर्त दे दी बेल
कांग्रेस
नेता और जाने-माने वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि हम कल से कह रहे थे कि इस केस में
बेवजह हाइप क्रिएट न की जाए। कोर्ट ने बिना शर्त के बेल दी है। सैम पित्रोदा को जज
ने छूट दी है, क्योंकि
वे कान के ऑपरेशन की वजह से आए नहीं हैं।
गुलाम नबी आजाद के घर हुई बैठक
कांग्रेस मुख्यालय पर समर्थकों का जमावड़ा, पार्टी नेताओं
की बैठक
कांग्रेस
के दोनों शीर्ष नेताओं की कोर्ट में पेशी से पहले और बाद में कांग्रेस दफ्तर के
अंदर और बाहर में काफी गहमागहमी का माहौल रहा। दिल्ली के अकबर रोड पर कांग्रेस
मुख्यालय के बाहर समर्थकों का जमावड़ा रहा। लोग सोनिया और राहुल के समर्थन में नारे
लगाते रहे। इनके हाथों में कांग्रेस का झंडा और बैनर-पोस्टर थे। यहां सुरक्षा के
लिए पुख़्ता इंतज़ाम किए गए। वहीं, देश के अन्य शहर भोपाल और मुंबई में भी कांग्रेस समर्थकों ने
प्रदर्शन किया।
सोनिया और राहुल को 50-50 हजार के मुचलके पर
मिली बेल
जमानत के बाद केंद्र पर वार
बोली सोनिया साफ़ मन से हुए हम कोर्ट में पेश
जूठे इलज़ाम लगवाते है मोदी बोले राहुल

वहीं
राहुल गांधी ने कहा कि हम कोर्ट का सम्मान करते हैं। मोदी झूठे इल्जाम लगवाते हैं। लेकिन हम डरने
वाले नहीं हैं.
फिलहाल
नेशनल हेराल्ड केस पटियाला हॉउस कोर्ट ने नए साल के दुसरे महिना की 20 तारीख तय कर
दी है . अब गाँधी परिवार के लिए साल 2016
कैसा रहेगा ये तो भविष्य और वक्त ही तय करेगा!