बुधवार, 18 मई 2016

वाक्य में अँधा होता है प्यार ?



कभी बॉलीवुड की रंगीन फ़िल्म में सुना था कि प्यार अँधा होता है। लेकिन उस डायलॉग की समझ  आज कहीं जाकर आई है। जब समाज में प्यार के करिंदों और परिंदों दोनों को प्यार करते देखा। किसी का सच- किसी का जूठा - किसी का टालमटोल वाला तो किसी का दिल बहलाने वाला और सच में जो सच्चा प्यार देखा वो था मतलब निकालने वाला और बिल्कुल मतलबी। शायदा इन्हीं के बीच का एक अंश है - वाक्य में प्यार अँधा होता है।  क्यूंकि वर्तमान में जो समाज की क्रमबध घटनाएं सामने आ रही है उनसे तो शत प्रतिशत यही अंदाज़ा लगाया जा  सकता  है कि प्यार की कोई उम्र  तो नहीं होती लेकिन उस जब उम्र ने पढ़ाव प्यार करने की दहलिज से बाहर रख दिया हो तो सही भी नहीं लगता - एक २३ साल की लड़की के ३३ साल के लडके से प्रेम संबंध। सही उस लड़की ने क्या देख कर उस लड़के से नाता जोड़ा होगा। या शादीशुदा  महिला  प्रेमी संग भागी। और  २ बच्चों की माँ ने किया प्रेमी के साथ मिलकर पति  हत्या, कुछ ऐसी ही ख़बरें भी अक्सर समाचार पत्र की सुर्खियां बनी रहती है।तब भी आप स्वंय जान सकते हो कि  वाक्य में अँधा होता है प्यार ! 

गर्लफ्रेंड ही होती है लवर , बॉयफ्रेंड हमारा प्रेमी?

गर्लफ्रेंड ही  होती है लवर , बॉयफ्रेंड हमारा प्रेमी?

जब मैंने खुद इस विषय में प्यार करने वाले युवाओं से बातचीत की और उनकी दिल की गहराइयों को समझा तो कुछेक का यही कहना वस हो गया तो कैसे हुआ ये नहीं पता हाँ भविष्य में क्या होगा ये कुछ तय नहीं हाँ जो चल रहा है जैसे चल रहा है सही है - लेकिन इस दौरान मुझे एक और बात ज्ञात हुई कि गर्लफ्रेंड और लवर दोनों को समाज में एक ही रूप में देखा जाता है।आज अगर लड़का और लड़की एक अच्छे दोस्त है तो उसे दोस्त नहीं प्रेमी जोड़ा पुकारा जाता है। इतना ही नहीं कुछ एक ऐसे भी है जो दोस्त भी नहीं लेकिन दोस्त से बढ़कर लेकिन प्रेमी भी नहीं  .. कुछेक ने जब उदाहरण सुने तब चकित हो गया - युवाओं का यही मनना  है कि श्रीकृष्ण जी की राधा जी प्रेमिका है और उनकी पत्नी भी है - लेकिन ताजुब हुआ कि  किसी को ये नहीं पता की राधा जी सिर्फ भगवन श्रीकृष्ण जी की सखी है।