गुरुवार, 8 अक्टूबर 2015

WhatsApp out ahead in terms of popularity of Facebook


लोकप्रियता के मामले में फेसबुक से आगे निकला व्हाट्सएप्प
 रिपोर्ट के अनुसार भारत में फेसबुक सबसे लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट बनी हुई है और 51 प्रतिशत यूजर्स रोजाना इसे देखते हैं जबकि तुरंत मैसेज IM (instant messaging) भेजने वाले ऐप में व्हाट्सएप सबसे ज्यादा लोकप्रिय है.वैश्विक अनुसंधान परामर्श फर्म (टीएनएस) की रिपोर्ट ‘कनेक्टेड लाईफ’ में यह बात सामने निकल कर आयी. यह सर्वे 50 देशों में 60,500 इंटरनेट यूजर्स पर किया गया है. और इनमें से 55 प्रतिशत यूजर्स हर दिन व्हाट्सएप जैसे दूसरे ऐप इस्तेमाल करते हैं.टीएनएस ने अपने बयान में कहा भारत में सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों में 51 प्रतिशत यूजर्स के साथ फेसबुक का दबदबा कायम है. वहीं 56 प्रतिशत यूजर्स के साथ तुरंत मैसेजिंग ऐप में व्हाट्सएप यूजर्स की पहली पसंद है.टीएनएस इंडिया के कार्यकारी निदेशक परिजात च्रकवर्ती ने कहा, भारत में सोशल नेटवर्किंग बाजार फेसबुक केंद्रित है जो कि फेसबुक मैसेंजर को अपनाने को भी प्रोत्साहित कर रहा है. व्हाट्सएप अब तक भारत में सबसे लोकप्रिय IM(instant messaging) प्लेटफार्म है.भारत के अलावा इन देशों में फेसबुक यूजर्स का प्रतिशत कही ज्यादा है, थाईलैंड में 78 प्रतिशत, ताइवान में 75 प्रतिशत, हांगकांग में 72 प्रतिशत लोग फेसबुक यूज करते हैं.रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के बाद भारत में सबसे ज्यादा फेसबुक यूजर हैं. विश्व भर में फेसबुक के 1.49 बिलियन यूजर हैं. भारत में 125 मिलियन लोग फेसबुक पर हैं.


इस तरह शुरू हुई थी WhatsApp की कहानी!
दो दोस्तों ने यह सोचकर नौकरी छोड़ दी कि अपना कोई काम किया जाए, लेकिन जब बात नहीं बनी तो दोनों ने दुबारा नौकरी ज्वाइन कर ली। हालांकि दोनों ने कुछ अलग करने की अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी। इसके बाद उन्होंने कुछ प्रयोग किए और देखते ही देखते उनका काम लोकप्रिय होने लगा। बाजार में उसकी कीमत अरबों डॉलर की हो गई और फेसबुक जैसे लोकप्रिय ब्रांड को उसे खरीदने का प्रस्ताव भेजना पड़ा।



यहां बात हो रही है व्हाट्सप्प की, जिसे जां कॉम और ब्रायन ऐक्टन नाम के दो दोस्तों ने तैयार किया है। आज आपके फोन में मौजूद व्हाट्सप्प का सफर इसके को-फाउंडर जां कॉम की जिंदगी के शुरुआती दिनों से शुरू होता है। जां कॉम अपने दोस्त ऐक्टन के साथ एक कॉफी शॉप में बैठकर बात करते रहे थे कि तभी दोनों ने सोचा कि यह कितना कूल होगा कि एक एप्प का स्टेटस यह बताए कि आप क्या कर रहे हो। जैसे आप फोन पर हो, बैटरी लो है, जिम में हूं। व्हाट्सप्प का नाम रखे जाने में कोई लिस्ट नहीं थी। कॉम ने एक बार में ही यह नाम सोच कर तय कर लिया था। 

इसके बाद कॉम एप्प की कोडिंग पर काम करने लगे। उन्होंने दुनियाभर के मोबाइल में इस एप्प को सिंक करने की कोशिश की, शुरुआत में व्हाट्सप्प लगातार क्रैश या हैंग होता रहा। फिर उन्होंने कुछ नोट्स बनाए कि कहां-कहां दिक्कते आ रही हैं। इसके बाद कॉम और ऐक्टन ने एक छोटा सा ऑफिस खोला जहां कुछ लोग मिलकर काम करते रहे। 2009 में बनाए गए वाट्स ऐप में खास बात यह थी कि यह मोबाइल नंबर से लॉग इन होता था। वॉट्स एप्प की लॉन्चिंग बेहद चुपचाप तरीको से हुई थी और 2013 में व्हाट्सप्प ने सारी चैट एप्स को मात देते अपने साथ 200 मिलियन यानी 20 करोड़ यूजर जोड़ लिए। अब यह ऐप अमरीका के टॉप 20 एप्प में शामिल हो गया है।

2 घंटे यहाँ बिताते है जनाव !
उत्तर भारत में लोग रोजाना करीब 2 घंटे का समय व्हाट्सप्प पर बिताते हैं।जब सांझी खबर की टीम द्वारा इस विषय पर उत्तर भारत की ब्यूटीफुल सिटी चंडीगढ़ में व्हाट्सप्प यूजर्स से पूछा गया तब जाँच में पाया गया की , भारतीय उपभोक्ता अपने मोबाईल फोन पर प्रतिदिन औसतन दो घंटे बिताते हैं, और 25 प्रतिशत उपभोक्ता अपने फोन दिन में 100 से अधिक मर्तबा चेक करते हैं।और फेसबुक के प्रति रुझान  कम हो गया है। 

ब्यूटीफुल सिटी चंडीगढ़ में दिल्ली ,यूपी ,बिहार ,राजस्थान ,हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के लोगों से इस विषय (व्हाट्सप्प )पर सवाल किए गए :



Q.क्या आप व्हाट्सप्प  यूज़ करते हो और दिन में कितना समय बिताते हो?
दिल्ली से आए एक परिवार ने बताया की हम सभी नौकरी करने वाले है और दिन में  दो घंटे या उससे अधिक समय तक व्हाट्सप्प  इस्तेमाल में लाया जाता है। क्यूंकि कुछ काम अब इसी से आसान हो गए है अगर घरवाली कोई सामान मंगवाए तो वो भी इसी पर टेक्स्ट कर देतीहै।और यही कहना था चंडीगढ़ से अधिकतर लोगों का जो ऑफिस में काम करते हैं। ऑफिस में बिज़ी रहने वाले व्हाट्सऐप उपभोक्ताओं ने बताया की हमारे बीच कई ऐसे ग्रुप भी बनाए गए है। जिसके जरिए हम सूचनाओं का आदान प्रदान भी कर पाते हैं और ऑफिस का काम भी इसी से हो जाता है.साथ ही फन मस्ती का भी ये एक विशेष हिस्सा बन गया है लेकिन काम में व्यस्त होने के चलते ज्यादा समय तो नहीं निकाल पाते लेकिन जब भी मौका मिले चेक जरूर करते है। 
 साथ ही जब इसी बारे में गृहणियों से बात की गई तब उन्होंने बताया की व्हाट्सप्प के इस्तेमाल से हम हरेक रिश्तेदार और दोस्त की खबर रहती जिनसे पहले कई दोनों तक बात नहीं हो पाती थी ,अब उनसे जब भी मौका मिलता है बात होती रहती है। और व्हाट्सऐप पर फैमली के दोस्तों के ग्रुप बने हैं ,घर के काम से साथ साथ उनके साथ भी वक़्त बातें करते बीत जाता है और समय का पता ही नहीं चलता। 
  और हमारा विशेष वर्ग युवा वर्ग जो घर से बाहर रहता है पीजी या हॉस्टल में। उनका कहना है की दिन का ज्यादा से ज्यादा वक़्त व्हेस्टप्प पर ही बिताया जाता है.जब भी क्लास ख़त्म होती है या जब भी पीजी में अकेले होते है दोस्तों से इसी के जरिए बात की जाती है। और समय का अंदाजा लगाना मुश्किल है क्यूंकि लगातार 4 से 6 घण्टे भी अपने दोस्त से इसी पर बात की जाती है। और इन सभी ने एक बात तो स्पष्ट कर दी की व्हाट्सप्प के आने के बाद और उसके चलन के बाद अब फेसबुक या फोनकाल काम की जाती है। 

Q.मोबाइल फ़ोन का खर्च कितन काम हुआ ?
ऑफिस में काम करने वाले हर व्यक्ति ने यही कहा की व्हाट्सऐप हो या कुछ भी लेकिन हमारे फोन बिल अभी भी उतने ही आते है जितने पहले हाँ 5 -10 प्रतिशत कम हो भी जाते है कई बार क्यूंकि जब कोई हमारा फोन न उठाए तो व्हाट्सऐप पर उसको मैसेज छोड़ दिया जाता है। जोकि बहुत बड़ा फायदा है। 
वहीँ गृहणियों का कहना है की 50 प्रतिशत तक का तो फोन बिल कम हुआ है क्यूंकि आजकल ज्यादातर वक़्त इसी पर गुजरता है। जो खर्च मोबाइल फोन पर पहले २५०० ,3000 हज़ार तक का हो जाता है वे अब एक हज़ार 1200  -1500 तक का आता है। 

वहीँ जब पीजी या होस्टलर से इस सवाल का जबाब पूछा गया तब उन्होंने कहा की एक माह के एंड तक कई बार पॉकेट मनी भी ख़त्म हो जाती थी लेकिन व्हॉटप का इस्तेमाल करने के बाद काफी खर्चा कम हो गया है क्यूंकि दोस्तों से हर पर काफी बातचीत हुआ करती थी और अब व्हाट्सप्प ने सब काम आसान कर दिया है। अगर किसी फ्रैंड्स को या किसी को ही कोई डॉक्युमेंट्स फाइल या कुछ भी भेजना है सब इसी से हो जाता है।


एक सिक्के के दो पहलु -:
     मोबाइल फोन मैसेजिंग एप व्हाट्सएप के बहुत से फायदें हैं, लेकिन गौरतलब है कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। व्हाट्सएप के साथ भी कुछ ऎसा ही है, क्योंकि इसके फायदों के साथ-साथ कुछ ऎसे नुकसान भी है जिन्हे जान लें तो बेहतर है। दिल्ली की एक मोतरमा जो किए एक गृहणी है उन्होंने बताया की डॉक्टर ने उन्हें व्हाट्सऐप पर टाइपिंग ही नहीं ,सिंगल टेक्स्ट भी टाइप करने के लिए मना किया है , उनके मुताबिक वॉट्सऐप से होने वाली बीमारी ‘वॉट्सऐपिटाइटिस’ से वह पीड़ित है।महिला ने बताया कि उसको कुछ दिन पहले कलाई में अचानक दर्द होने लगा। उंगलियों की नसों में सूजन भी आ गई थी। पूछताछ से पता चला कि और जब डॉक्टर ने बताया स्मार्टफोन से वॉट्सऐप का प्रयोग किया और लगातार 6 से 8  घंटे तक मैसेज रोजाना भेजने पर यह सब हुआ।  मैसेज भेजने के लिए महिला ने अंगूठों का भी इस्तेमाल किया। जांच-पड़ताल के बाद डॉक्टरों ने महिला की बीमारी को ‘वॉट्सऐपिटाइटिस’ बताया।वहीँ महिला ने बताया की ज्यादातर वे एक हाथ से चैटिंग करती थी जिसकी बजह से उसके एक हाथ के अंगूठे की नशों में अभी भी सोजिश है और उससे कोई काम नहीं होता। 

     वहीँ जब युवा वर्ग और वरिष्ठ छात्रों से जब इस बात की जानकारी ली गई वह दिन में कितना समय व्हाट्सप्प पर बिताते हैं और उनको इसका कोई दुष्प्रभाव नज़र आता हैं ,तब उन्होंने अधिकतर ने बताया की वे रोजाना 15 से 18 घंटे तक व्हाट्सऐप का प्रयोग करते है और उनका अब फेसबुक की तरफ रुझान काम हो गया है ,क्यूंकि उस इस पर बोलकर ,लिखकर और वीडियो क्लिपिंग के जरिए अपने दोस्तों से चैटिंग की जाती है ,और जो भी फ्रेंड्स ने ग्रुप बनाए है उसमें सब मिलकर बड़े आराम से बातचीत करते है। और स्टडी करते वक़्त भी बड़े आराम से इसका इस्तेमाल हो जाता है ,इनमे से अधिकतर युवा वर्ग ने बताया की रात के 12 या 1  तो बढ़े आराम से बज जाते है और उसका पता ही नहीं चलता है. और सबसे ख़ास बात यह कि इसके इस्तेमाल से फोन का बिल भी काम आता है। 
  लेकिन जब हरियाणा और पंजाब से माध्यम और उच्च स्तर से छात्रों से इस बारे में बात  की गई तब उन्होंने बताया की मुश्किल से एक या दो घंटे ही निकल पते है व्हाट्सऐप के लिए क्यूंकि इतना टाइम ही नहीं होता। वैसे भी सारा दिन दोस्तों के साथ स्कूल और ट्यूशन में होते ही हैं लेकिन शाम को या रात को थोड़ा सा वक़्त इसके जरिए रिश्तेदारों से बातचीत करने के लिए मिल जाता है और थोड़ी से मस्ती भी हो जाती है। लेकिन कहीं न कहीं स्टडी पर इसका असर पड़ता है।

वहीँ हरियाणा की छात्राओं ने विशेष तौर पर बताया की यहाँ लड़कियों पर जो पहले पाबंदी लगाईं जाती है वह अब नहीं है ,क्यूंकि अब हम बड़ी आसानी ने सोशल नेटवर्किंग पर जुड़े हुए है और जिससे हम सामजिक गतिविधियों से भी जुड़ सकते है और हमारी पढ़ाई में भी इससे मदद मिलती है।

व्हाट्सप्प सम्बन्धी सुझाव -:
अगर आपको वाट्सएप द्वारा जनित इस रोग से बचना हैं तो नीचे दिए गए इन टिप्स को अपनाएं ताकि आप इस रोग से बच सकें। सबसे पहले तो आपको लगातार कई घंटे तक मोबाइल का प्रयोग नही करना होगा।

अगर आप लगातार मैसेज टाइप करें तो कुछ समय का ब्रेक जरूर लें। मोबाइल हमेशा हाथ में लेकर खिटर पिटर करने की आदत से बाज आएं और काम आने वाली जानकारियां ही मोबाइल पर पढ़ें।

अमूमन हम कोई काम करने के बाद अपनी उंगलियों को मरोड़ते हैं लेकिन मोबाइल के प्रयोग के बाद उंगलियां चटकाएं नहीं।जब भी आप मोबाइल का इस्तेमाल कर चकें उसके बाद हाथों की एक्सरसाइज करें।

इस मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि जब आप गर्दन झुकाकर मोबाइल या टेबलेट को देखते हैं तो आप अपनी गर्दन पर 60 पाउंड का भार डालते हैं।

इससे गर्दन के पीछे की हड्डी यानी स्पाइन जा सकती है। इसलिए गर्दन और कमर को सीधे रखकर ही मोबाइल का प्रयोग करें।


सुनील कुमार
mediasunil1@gmail.com

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