रविवार, 22 अक्टूबर 2017

लिखे हुए लिंक पर क्लिक करना जरुरी है क्या !

लिखे हुए लिंक पर  क्लिक करना जरुरी है क्या !

हर्वी ने तो हिला दिया है रे बाबा! अब #metoo पर रोज नया किस्सा पढ़ने को मिलता है। जो आइडिया पता नहीं भी होगा अब उसका भी यहां ज्ञान मिलता है. अच्छा है लेकिन सच्चा है , कोई अपना दर्दे हाल बयान करता है।  कोई इसे जोक्स समझाता है।  #metoo में जो भी है मस्त है, क्यूंकि जनता आजकल ऐसा ही कुछ पढ़ने में व्यस्त है।  काफी न्यूज़ पेपर को अब नया लुक मिल गया है , पहले सिर्फ हैडर ही न्यूज़ का कैची और सेक्सी सा होता था।  लेकिन अब #metoo ने नया ट्रेंड सोशल मिडिया में ला दिया है।  कोई लड़की अपना हाल #metoo के जरिए ब्यान करती है और जनता मस्त होकर चाय की चुस्कियों के साथ -मशाला लगाकर इसे रीड करती है। 
खैर हाल-ए-दिल कोई क्या जाने -जिसको दर्द है, वही इस दर्द को समझ सकता है।  हर्वी वाइंस्टीन ने तो मजे ले लिए अब जनता पढ़-पढ़कर मजे मार रही है।   #metoo अगर नहीं पढ़ा है तो पढ़िएगा जरूर- आपको भी लड़कियों को छेड़ने का नया आइडिया मिल जाएगा।  हां -यही है, जो सही है ! इसमें कोई दो राय नहीं है।  ऐसी बहुत सी स्टोरी है जिनसे लड़कियों को छेड़ने -उन्हें तंग करने के आइडिया मिलते है।

जी बिल्कुल ; किसी व्यक्ति विशेष के बारे में नहीं कह रहा हूँ आजकल यही हो रहा है , न जाने कितनी लड़कियों ने अपना दर्द ब्यान किया , जिसे वह किसी के साथ नहीं कर सकती।  परिवार में शर्म, दोस्तों में शायद जो भी कोई एक दो होंगे।  उनपर भी विश्वास की मात्रा में कमी , क्यूंकि घर का भेदी लंका ढहाए, अब हाल जो है वो किसको बताए , कहां जाए -क्या अंदर ही अंदर घुट घुट कर मर जाए।  मरता तो कोई नहीं परन्तु एक बार की हुआ दो बार हुआ फिर आदत पड़ गई , कि कोई सुधर तो सकता नहीं, अब खुद के मन को मार कर  चुपचाप सहन करना भी मरना ही है. 
चलो  #metoo पर अपना दर्द ए दास्तान ब्यान की तो जनता मजे लेने लगी है।  लड़कों को नए नए आइडिया मिलने लगे हैं, इसमें को दो राय नहीं मैंने भी कुछ अजीब -गरीब किस्से वस  #metoo के हैदर को देख कर ही जाने हैं।  लेकिन उसके साथ की तस्वीर और भी अट्रेक्टिव होती है.

हाँ तस्वीर से याद आया , आजकल तस्वीर ही मजबूर कर देती है कि खबर को पढ़ा जाए।  बहुत से न्यूज़ पोर्टल में ऐसे न्यूज़ हैडर होते है या पिक्स होती है जिन्हे देख कर ही क्लिक करने की लालसा सी होती है।  जिससे एक बात तो है कि जितना अश्लील लिखोगे, दिखाओगे उतना ही बिकोगे।   क्यूंकि पहले टीवी चैनल में स्पेशल एंटरटेनमेंट का प्रोग्राम बनाया जाता था.  उसके बाद से दर्शकों का #fashionTV से ध्यान कम हो गया।  हाल ही के बंद हो चुके कर्यक्रम #thekapilsharmashow   की बात की जाए तो उसमे भी अश्लील डायलॉग और परफॉर्मेंस जरूर थे और हमारी जनता भी मजे से देखा करती थी.
टीवी की छोड़िये जनाव क्यूंकि न्यूज़ चैनलों के भी यही हाल है। #रामरहीम और #हनीप्रीत के किस्से कहानिया या ख़बरें हो. या सपना चौधरी और हर्षिता का डांस मजे तो खूब आते है , खबर दिखने वालों को भी और देखने वालों को भी।
 #metoo यार अब तो  घर पर मोबाईल और ऑफिस में कम्प्यूटर चलते वक्त भी दिल में डर सा बना रहता है. कि कोई हॉट वेबसाइड या तस्वीर सर्च इंजन #गूगलबाबा पर न जाए।  वैसे  भी जनता जागरूक रहने की पूरी कोशिश में लगी रहती है वेशक प्याज का भाव पता न हो लेकिन #फ्लिपकार्ट  और #एमाज़ॉन पर क्या ऑफर है उसका पता होता है।  लेकिन इस  दौरान भी अश्लीता का शिकार होना ही पड़ता है।  अब जनाब क्या किया जाए -कैसे कहाँ पर किस विषय पर सर्च किया जाए,  #metoo की बात नहीं है  आजकल तो तीज त्यौहार पर भी ऐसे -ऐसे अट्रेक्टिव हैडर होते हैं कि न चाहते हुए भी क्लिक बज ही जाता होगा। चलिए जो भी है अब इंतज़ार  यही है कि ऐसा भद्दा लिखा दिखाया और जाता है , क्यूंकि अंकुश लगने की तो बात ही पैदा नहीं होती है हाँ  #metoo के सक्यूएर या कोई नया ट्रेंड शुरू हो जाता है , क्यूंकि जनता सब जनता है और भांपती है, बेशक ऐसे लिंक पर क्लिक करते हुए कांपती है। बेकाउसज़ सर्दियों के दिन है बाबू मोहशाय ?  #sunilkumarhimachali