गुरुवार, 19 फ़रवरी 2015

CULTURE NEW RAP SONG

माने न बेटा तू बाप का कहणा  
जो भी है ..तुझसे आज है कहणा
ए सुन नटखट एक ही बात
तू है बेबो ओरत जात
पहण kके बाबु तू क्या आया
किसका तूने कर्टन है उठाया
आधी नंगी तू यूँ ना नाच
भूल गई क्या रे ...

तू इज्जत की विसात 

SPICY NEW RAP SONG

१ तू है स्पाइसी बड़ी
दूर क्यों बेबो तू है खड़ी
जान ले बाबु एक ही बात
तुझसे जुड़ा मेरा दिन हर रात
तू है इडली
मै तेरा डोसा
तू है पानी.... मै हूँ लोटा
पास तो आजा  
आग भुजाजा

तन-मन का ..साथ निभाजा 

KAHAN GAYE HUM LOG



16
 मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों......माना की मै आमिर नहीं हूँ.... जो भी कहो ये बात तो सच है ..लेकिन अगर कोई अपना बना ले..तो ...उसका हर गम खरीद सकता हूँ .. इसीलिए देख कर दुनिया को कभी कभी यही सोचता हूँ .. की आखिरकार .. कहाँ गए हम लोग ,,,

KAHAN GAYE HUM LOG

15

मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों......आज थोडा शायराना अंदाज़ में एक वाक्य आपसे बयाँ करूंगा .. मैंने देखा कुछ लोग डूबता है तो समन्दर को दोष देते है ...मंजिल न मिले तो किस्मत को दोष देते है ..खुद तो संभल कर चलते नहीं ,,जब लगती है ठोकर तब पत्थर को दोष देतें है ,, आखिर कहाँ गए हम लोग

KAHAN GAYE HUM LOG

14
मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों......मैंने मा की हथेली पर एक टिल देखा कहा ममी जी ये तो दौलत का टिल है ..ममी ने मेरा चेहरा दोनों हत्थों में लिया और बोली ... मेरे दोनों हाथों में कितनी दौलत है .. लेकिन आज हम यहाँ दौलत के चक्कर में ये भूल जाते है की हमें जन्म देने वाले कैसे है .. जरा सोचो कहाँ गए हम लोग

KAHAN GAYE HUM LOG

13
 मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों......मुझे हर उस इंसान से नफरत है जो हर छोटी छोटी बात पर मम्मी ..की पापा की कसम खा लेता है ...पूछना चाहूँगा उन सबसे/..  क्या मम्मी पापा इतने सस्ते है जो उन्हें दांव पर लगा देता है ... जरा सोचो कहाँ गए हम लोग

KAHAN GAYE HUM LOG

12
 मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों......मा से पैसे लेते लेते कब मा को पैसे देने की उम्र आ गयी पता ही नहीं चला .... जरा सोचो ,, कहाँ गए हम लोग 

KAHAN GAYE HUM LOG

11
मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों......जीत हासिल करनी हो तो काबिलियत बढाओ, किस्मत की रोटी तो कुत्तों को भी नसीब होती है! अगर हर वक्त किस्मत को दोष देते रहे तो कल को यही दोहराओगे ..कहाँ गए हम लोग

KAHAN GAYE HUM LOG

9
मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों...... आप  नेक बनने के लिए ऐसी कोशिश करो  ... जैसे कोशिश खूबसूरत दिखने के लिए करते हो !अगर बुरे बनेंगे आप और हम तो यही कहेंगे ,, की कहाँ गए हम लोग
10 मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों......हम सबको भाग्य के दरवाजे पर सर पीटने से बेहतर है, कर्मो का तूफ़ान पैदा करें ताकि सारे दरवाजे खुल जायेंगे!अगर हर वक्त किस्मत को दोष देते रहे तो कल को यही दोहराओगे ..कहाँ गए हम लोग

KAHAN GAYE HUM LOG

मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों......आज उन सब को तहे दिल से अभिन्दन जो मेरे साथ .. मेरे तरह ..कोइ  पढाई करने आया है तो कोइ नौकरी .. जो अपने घर से ,अपनी माँ से दूर है यहाँ .. वस आज दिल भर गया,, और आंखे नम सी हो गई है .. एक ही वाकय  कहूँगा ,, मा आपकी बात सताती है मेरे पास आ जाओ .. थक गया हूँ आज .. मुझे अपने आँचल में छुपा लो आज... हाथ अपना फेर कर मेरे बालों में एक बार फिर लोरियां सूना दो ...  वस् आप सबसे यही निवेदन है थोडा सा टाइम निकल कर .. घर कॉल कर लो....थोडा टाइम अपनी मा को अपनी फैमली को भी दो नहीं तो कल को अकेले बैठ के सोचोगे कहाँ गए हम लोग ...

KAHAN GAYE HUM LOG

7
मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों......आजकल जो देख रहा हूँ एक ही बात कहूँगा ..किसी पर भरोसा करो तो अंतिम साँस तक करो ..उसका एक फायदा जरुर होगा .. या तो आप एक अछा दोस्त पाओगे या फिर अछी शिक्षा ,,, अगर हर किसी का भरोसा तोड़ते रहोगे तो कल को खुद ही बोलोगे .. कहाँ गए हम लोग ..

KAHAN GAYE HUM LOG

6
मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों......हर ख़ुशी है हम लोंगों के दामन में ,पर एक हंसी के लिये वक़्त नहीं .दिन रात दौड़ती दुनिया में ,ज़िन्दगी के लिये ही वक़्त नहीं .आखिर कहाँ गए हम लोग

KAHAN GAYE HUM LOG

5
मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों......हम सब बहुत अछे है जो आप और हम अछी अछी बाते करते है ,, लेकिन बहुत से गुण होने के बाबजूद भी एक दोष हमारे विनाश का कारण बन जाता है .. इसलिए हमेशा पॉजिटिव रहो ,, अगर negtiveनेगटिव हुए तो कल को खुद ही बोलोगे कहाँ गए हम लोग ...

KAHAN GAYE HUM LOG

4
 मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों......हर कोई आज अपना नाम बनाना चाहता है ,,, सही है गलत कुछ नहीं वस काम ऐसा करो की नाम हो जाए या फिर नाम ऐसा करो की सुनते ही हर काम हो जाए .. लेकिन सच के रास्ते पर चलकर,,, अगर जूठ का साथ पकड़ा तो कब तक ,, सच सामने आने के बाद पूछते फिरोगे कहाँ गए हम लोग 


KAHAN GAYE HUM LOG

3
मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों......फूल खुशियों की तरह थोड़ी देर तक ही हमारे आंगन में खिलते है .. और मुरझा जाते है .. जबकि कांटे हमारे साथ एक लम्बा जीवन जीते है... इसलिए कभी किसी से नफरत मत कीजिए ,, हरेक को प्यार दीजिए .. नहीं तो कल को आप ही कहोगे कहाँ गए हम लोग .... 



KAHAN GAYE HUM LOG

2
मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों......जो लोग लगातार दुःख में रहते है उहने जीवन में कभी सुख नहीं मिलता .. इसलिए हमेशा आप हरेक के साथ खुशियाँ बांटों अगर खुद दुखी रहोगे तो सामने वाले को भी दुःख पहुंचेगा ,,, अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम सब फिर यही सोचेंगे की आखिर कहाँ गए हम लोग

KAHAN GAYE HUM LOG

१ 
मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों ~आज आपको ज़िन्दगी का  सच बतलाता हूँ ~ जिंदगी देने वाली माँ के सिवा कोई वफादार नही हो सकता…!!! और गरीब का कोई दोस्त नही हो सकता…!! आज भी लोग अच्छी सोच को नहीअच्छी सूरत को तरजीह देते हैं…!!! क्यूंकि इज्जत सिर्फ पैसे की है, इंसान की नही…!!!जिस शख्स को अपना खास समझो….अधिकतर वही शख्स दुख दर्द देता है…!!! इसलिए हम आप सब से विनती है इंसानियत का धर्म निभाएं ..एक दुसरे से इर्ष्या करना छोड़ दें .. नहीं तो बाद में सोचोगे की कहाँ गए हम लोग ...



बहाने नहीं सफलता के रास्ते खोजिए

बहाने नहीं सफलता के रास्ते खोजिए. . . . .!
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1. मुझे उचित शिक्षा लेने का अवसर नही मिला।
उचित शिक्षा का अवसर फोर्ड मोटर्स के मालिक हेनरी फोर्ड को भी नही मिला।
2. अत्यंत गरीब घर से हूँ।
पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी गरीब घर से थे।
3. बचपन मे ही मेरे पिता का देहाँत हो गया था।
प्रख्यात संगीतकार ए.आर.रहमान के पिता का भी देहांत बचपन मे हो गया था।
4. मै बचपन से ही अस्वस्थ था।
आँस्कर विजेता अभिनेत्री मरली मेटलिन भी बचपन से बहरी व अस्वस्थ थी।
5. मैने साइकिल पर घूमकर आधी ज़िंदगी गुजारी है।
निरमा के करसन भाई पटेल ने भी साइकिल पर निरमा बेचकर आधी ज़िंदगी गुजारी।
6. एक दुर्घटना मे अपाहिज होने के बाद मेरी हिम्मत चली गयी।
प्रख्यात नृत्यांगना सुधा चन्द्रन के पैर नकली है।
7. मुझे बचपन से मंद बुद्धि कहा जाता है।
थामस अल्वा एडीसन को भी बचपन से मंदबुद्धि कहा जाता था।
8. मै इतनी बार हार चूका, अब हिम्मत नही।
अब्राहम लिंकन 15 बार चुनाव हारने के बाद राष्ट्रपति बने थे।
9. मुझे बचपन से परिवार की जिम्मेदारी उठानी पङी।
लता मंगेशकर को भी बचपन से परिवार की जिम्मेदारी उठानी पङी थी।
10. मेरी लंबाई बहुत कम है।
सचिन तेंदुलकर की भी लंबाई कम है।
11. मै एक छोटी सी नौकरी करता हूँ, इससे क्या होगा।
धीरु भाई अंबानी भी छोटी नौकरी करते थे।
12. मेरी कम्पनी एक बार दिवालिया हो चुकी है, अब मुझ पर कौन भरोसा करेगा।
दुनिया की सबसे बङी शीतल पेय निर्माता कम्पनी भी दो बार दिवालिया हो चुकी है।
13. मेरा दो बार नर्वस ब्रेकडाउन हो चुका है, अब क्या कर पाउँगा?
डिज्नीलैंड बनाने के पहले वाल्ट डिज्नी का तीन बार नर्वस ब्रेकडाउन हुआ था।
14. मेरी उम्र बहुत ज्यादा है।
विश्व प्रसिद्ध केंटुकी फ्राइड चिकेन के मालिक ने 60 साल की उम्र मे पहला रेस्तरा खोला था।
15. मेरे पास बहुमूल्य आइडिया है पर लोग अस्वीकार कर देते है।
जेराँक्स फोटो कापी मशीन के आईडिया को भी ढेरो कंपनियो ने अस्वीकार किया था पर आज परिणाम सामने है।
16. मेरे पास धन नही है।
इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन नारायणमूर्ति के पास भी धन नही था, उन्हे अपनी पत्नी के गहने बेचने पड़े थे।
आप कहेगे कि यह जरुरी नही कि जो प्रतिभा इन महानायको मे थी, वह मुझ में भी हो।
मै इस बात से सहमत हूँ।
लेकिन, यह भी जरुरी नही कि जो प्रतिभा आपके अंदर है वह इन महानायको में भी हो!
कोशिश तो कीजिये हो सकता है की आप उनसे भी आगे निकल जाये।

मतलब यह है कि…..
यदि आप आगे बढ़ना चाहते है तो आपको दो में एक को चुनना होगा…..
बहाना या सफलता का रास्ता!