पता नहीं, क्या है शान - नहीं है ज्ञान
15 अगस्त बीत गया- अब 26 जनवरी आएगा. जिस भाव में लिखा है शायद समझ जाओ, क्योंकि गणतंत्र और स्वतंत्र दिवस के बाद किस को कोई फर्क नहीं पड़ता की तिरंगा क्या है और झंडा क्या है. सबके लिए आम सी बात हो जाती है . क्योंकि मंत्रियों की गाड़ियों पर लगा झंडा भी कई दफा शाम बीत जाने के बाद भी अगर नजर और ख्याल में रहा तब उतार लिया जाता है वर्ना कौन उसका राखा है. शायद कोई नहीं क्योंकि आंखों के सामने पड़ी हुई चीज भी हमें कई दफा दिखाई नहीं देते. किसी व्यक्ति विशेष की बात नहीं आम सी बात है गौर कीजिए-
हाल में ही भाजपा अध्यक्ष किन्हीं कारणो से 15 अगस्त को खूब चर्चा में रहे सोशल मीडिया पर भी महाशय की खूब खिल्ली उड़ाई गई. लेकिन जनाब कुछेक आज भी अगर सुबह से शाम तक काम करने वाले मजदूर को अगर बोलोगे की भई झंडा फहराना है शायद वो न फहरा पाए. चाहे वो अपने बेटे के टॉप के हाई प्रोफाइल स्कूल में पढ़ा रहा हो. वो भी नहीं फहरापाएगा. इसमें हमारी को दोराय नहीं और न ही आपकी भी होगी क्योंकि शायद आपको भी पता नहीं की कैसे झंडा फहराया जाता है. यहां भाजपा अध्यक्ष के पक्ष में भी नहीं कल को कहो की भई उनके हित में लिखा था. राजनीति पसंद नहीं
अब मूद्दे की बात - झंडा किसी भी देश का हो हमारी जितनी समझ है , उस देश की शान है. वो बात अलग है की लोग इंग्लैंड देश के झंडे के कच्छे ( ) भी बनाकर पहनते है. गुजारिश ही कर सकता हूं कानून नहीं बना सकता. प्रोटेस्ट कीजिए लेकिन कभी किसी देश के झंडे को आग न लगाइए क्योंकि आपके इस कदम से उस इंसान की भी भावनाएं आहत होंगी . जिसके न तो आपके प्रोटेस्ट से लेना देना है और न ही किसी मुद्दे से
अब खास तौर पर दिमाग तब खराब हुआ जब हमें खुद भी एक वक्त झंडा फहराना नहीं आता था. लेकिन बाकी कैसे सिखेंगे - कौन सिखाएगा , हमने भी खुद ही सिखा- न न हमें भी गुजारिश करने पर सिखाया गया. लेकिन आज के बच्चे जो हमारे देश का भविष्य हैं कल को पता नहीं कौन सा नेता बन जाए . पर उन्हें अगर पता ही नहीं होगा की कैसे झंडा फहराया जाता है, फिर वो कैसे फहराएंगे.
इसलिए अब सरकार इसमें कुछ कर सकती है, हम और आप सिर्फ गुजारिश कर सकते हैं, एक फरियाद जो फरमान हो आम. क्योंकि अगर स्कूल से ही इस बात की और ध्यान दिया जाए तो शायद भविष्य में अमित शाह जैसा कोई औऱ ट्रोल नहीं होगा, और न ही फिर से मीडिया की सुर्खियां बनेगी कि किसी के पैरों के नीचे देश की शान, ये वो --- हमारा देश महान ---
इसलिए भारत में जैसे हर सिनेमा घर में राष्ट्रगान गाया जाता है, वैसे ही हर स्कूल में प्रर्थना के वक्त झंडा कैसे फहराया जाता है स्कूली छात्राें को भी बताया और सिखाया जाए . ताकि वो समझ सके की भारत की महानता क्या है. नहीं तो कल को वो भी गुगल कर ही लेंगे. जैसे आज हम जैसे कुछेक करते हैं- जिन्हें पता नहीं हमारे देश का राष्ट्र चिन्ह क्या है, यूं बेशक शेर बने घूमते हों.
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15 अगस्त बीत गया- अब 26 जनवरी आएगा. जिस भाव में लिखा है शायद समझ जाओ, क्योंकि गणतंत्र और स्वतंत्र दिवस के बाद किस को कोई फर्क नहीं पड़ता की तिरंगा क्या है और झंडा क्या है. सबके लिए आम सी बात हो जाती है . क्योंकि मंत्रियों की गाड़ियों पर लगा झंडा भी कई दफा शाम बीत जाने के बाद भी अगर नजर और ख्याल में रहा तब उतार लिया जाता है वर्ना कौन उसका राखा है. शायद कोई नहीं क्योंकि आंखों के सामने पड़ी हुई चीज भी हमें कई दफा दिखाई नहीं देते. किसी व्यक्ति विशेष की बात नहीं आम सी बात है गौर कीजिए-
हाल में ही भाजपा अध्यक्ष किन्हीं कारणो से 15 अगस्त को खूब चर्चा में रहे सोशल मीडिया पर भी महाशय की खूब खिल्ली उड़ाई गई. लेकिन जनाब कुछेक आज भी अगर सुबह से शाम तक काम करने वाले मजदूर को अगर बोलोगे की भई झंडा फहराना है शायद वो न फहरा पाए. चाहे वो अपने बेटे के टॉप के हाई प्रोफाइल स्कूल में पढ़ा रहा हो. वो भी नहीं फहरापाएगा. इसमें हमारी को दोराय नहीं और न ही आपकी भी होगी क्योंकि शायद आपको भी पता नहीं की कैसे झंडा फहराया जाता है. यहां भाजपा अध्यक्ष के पक्ष में भी नहीं कल को कहो की भई उनके हित में लिखा था. राजनीति पसंद नहीं
अब मूद्दे की बात - झंडा किसी भी देश का हो हमारी जितनी समझ है , उस देश की शान है. वो बात अलग है की लोग इंग्लैंड देश के झंडे के कच्छे ( ) भी बनाकर पहनते है. गुजारिश ही कर सकता हूं कानून नहीं बना सकता. प्रोटेस्ट कीजिए लेकिन कभी किसी देश के झंडे को आग न लगाइए क्योंकि आपके इस कदम से उस इंसान की भी भावनाएं आहत होंगी . जिसके न तो आपके प्रोटेस्ट से लेना देना है और न ही किसी मुद्दे से
अब खास तौर पर दिमाग तब खराब हुआ जब हमें खुद भी एक वक्त झंडा फहराना नहीं आता था. लेकिन बाकी कैसे सिखेंगे - कौन सिखाएगा , हमने भी खुद ही सिखा- न न हमें भी गुजारिश करने पर सिखाया गया. लेकिन आज के बच्चे जो हमारे देश का भविष्य हैं कल को पता नहीं कौन सा नेता बन जाए . पर उन्हें अगर पता ही नहीं होगा की कैसे झंडा फहराया जाता है, फिर वो कैसे फहराएंगे.
इसलिए अब सरकार इसमें कुछ कर सकती है, हम और आप सिर्फ गुजारिश कर सकते हैं, एक फरियाद जो फरमान हो आम. क्योंकि अगर स्कूल से ही इस बात की और ध्यान दिया जाए तो शायद भविष्य में अमित शाह जैसा कोई औऱ ट्रोल नहीं होगा, और न ही फिर से मीडिया की सुर्खियां बनेगी कि किसी के पैरों के नीचे देश की शान, ये वो --- हमारा देश महान ---
इसलिए भारत में जैसे हर सिनेमा घर में राष्ट्रगान गाया जाता है, वैसे ही हर स्कूल में प्रर्थना के वक्त झंडा कैसे फहराया जाता है स्कूली छात्राें को भी बताया और सिखाया जाए . ताकि वो समझ सके की भारत की महानता क्या है. नहीं तो कल को वो भी गुगल कर ही लेंगे. जैसे आज हम जैसे कुछेक करते हैं- जिन्हें पता नहीं हमारे देश का राष्ट्र चिन्ह क्या है, यूं बेशक शेर बने घूमते हों.
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