आज भी सवाल है
जहन में
आज भी ख्याल है
जहन में
तेरे आने से पहले का
तेरे जाने के बाद का
क्या हुआ कसूर
क्यूँ हुआ मजबूर
गलत मै कहाँ पर था
यहीं बता देते हजुर
आज भी सवाल है
जहन में
आज भी ख्याल है
जहन में
तेरे दिल में क्या
था ये तू जाने
या उस वक्त हम तुझे
नहीं पहचाने
बता दूँ तेरी विरह
को ... अभी .. मिटा नहीं ख़ाक में
जिन्दा हूँ वस् तेरे
आने की आस में
आज भी सवाल है
जहन में
आज भी ख्याल है
जहन में
उम्मीद है एक आश है
इन धुंधली सी आँखों
में लो
और दिल में थोड़ी सी
खटास है
तेरे रूह ए प्यार की
मिठास है ..
आज भी क्यूँ तेरे
पास होने का
उस बेरंग बेढंग
प्यार का एहसास है
आज भी क्यूँ तेरी
यादों में मेरा विश्वाश है
है जो यु जिंदगी
जिंदा दिल
आज भी सवाल है
जहन में
आज भी ख्याल है
जहन में
तेरे अपने पन का
तेरे ही शाकी दिए हर
गम
खुद ही खुदा बनकर
निश्चय कर लिया
सोचा भी नहीं तनिक
जीवन आंसुओं से भर
लिया
चल हम गर्त तक नहीं
गए
दिल से निकाल दे भय
अब करें शुरू
शुरुआत ए अंत की
चाहत नहीं दुरी की
अब भी यही पूछूँगा
तेरी क्या मज़बूरी
या ,,,, सिर्फ मेरी
सुनील करनी थी मशहूरी