क्या है ?
एक पल,एक दिन, एक ज़िन्दगी
क्या है ?
जवाब भी यहीं, फिर भी सवाल क्या है?
ढलते सूरज से चढते चाँद तक क्या है?
धरती से गगन तक का एक होना-
न कभी मिल सके वो एहसास क्या है?
हर लम्हा होते हुए भी कुछ नहीं क्या है ?
ये कोई पहली दफा है - जो क्या बेवफा है ?
क्या है ? क्यों है ? किसके लिए है ?
ये पंक्ति भी क्या है ?
उसके न होने से लगता है -क्या है ?
बस! पल-पल की हरकतों में वो है ?
वो क्या है ?कौन है ?
कल है - या जा साथ चलने वाला पल है!
क्या है ?
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