शनिवार, 5 जुलाई 2014

words

(@ ये नाचीज़ क्या बताऐ 
आप क्या चीज़ हो 
कम होते अल्फ़ाज़ हमारे 
जब भी आज आपकी तारीफ हो @)

बड़ा ओखा तेनु पाया 
हूँ पाके नी खोना 
चंद्रा दिल ए उदास 
लेखां पल्ले पा दित्ता रोणा 
.... 
सुनील सब कुछ गया हार
किता बस जो तैनू प्यार
इक बार तु वापिस आ
मत्थों दुर ना तु जा मेरे यार
....
किवे तैनू समझाये
किदां मप्पे छड
विच्च परदेशां
अस्सी दिल लगाइये
इकको हि बस आस
तेरी अज्ज भि उडीक
दिल ना होवे तहियों सज्जना निराश
……
अस्सी ओत्थे हि हुँदा आ
तेरी ऑन दि उढीक दे खाव जो बुन्नन्दे आ
करवान अस्सी आ तेरे दिदार ए दर ते
एक बारी गल कर सज्जना सारे बैर दिलो कड्ड के

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