शाम होने पर पंछी भी
आराम फरमा
आशियाने में जा सोते है। ,,,
हमारे हबीब हमसे क्या रुसबा हुए
तब से हम मैहखाने में जाकर
हर शाम थामकर जाम
ख्यालों में कुछ खोते और कुछ रोते है। ,,,
आराम फरमा
आशियाने में जा सोते है। ,,,
हमारे हबीब हमसे क्या रुसबा हुए
तब से हम मैहखाने में जाकर
हर शाम थामकर जाम
ख्यालों में कुछ खोते और कुछ रोते है। ,,,
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