हर
पार्टी 2019 की तैयारी में जुट गई है. और आम आदमी पार्टी ने भी अब कमर कस ली है. जाहिर
सी बात है कि पंजाब में आप काफी पिछे है
और अब सबसे आगे निकलने की फिराक में है, जहां हर पार्टी का मकसद 2019 के चुनाव में
जीत हासिल करना है,. लेकिन पंजाब आप का टारगेट अब 2019 के बाद 2022 भी साथ है.
पंजाब
की राजनीति का असर दिल्ली तक दिखने को आए दिन मिलता है. और जब से पंजाब सरकार
सत्ता में आई है, विपक्ष की मुश्किलें जहां बढ़ती दिखी हैं, वहीं सरकार को भी आए
दिन विपक्ष के विरोध का सामना करना पड़ा है. लेकिन साल 2017 में हुए विधानसभा
चुनाव का मौसम हाल में हुए नगर निगम चुनाव तक आम आदमी पार्टी के अंदर के हामजे को
बिगाड़ता रहा है.
पंजाब में आम आदमी पार्टी पर सर्द हवाओं का असर दिल्ली तक दिखा है. सुबह
और शाम को सर्द हवाओं से ठिठुर रहे पंजाब में नगर निगम चुनाव हारने के बाद आप
ठिठुर सी गई है। आलम यह है कि दो महीने बाद भी नए प्रभारी और दिल्ली के डिप्टी
सीएम मनीष सिसोदिया ने अभी तक आधिकारिक तौर पर पंजाब का एक भी दौरा कर पार्टी को
सियासी गर्मी देने की कोशिश नहीं की है।
पंजाब प्रधान भगवंत मान ने प्रधानगी का ताज पहनने के बाद से ही पहले
खुद को पार्टी की तमाम गतिविधियों से दूर कर लिया । नतीजतन,
अगले लोकसभा चुनाव में भी पार्टी की हवा अभी से निकलती दिखाई देने
लगी है। विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने तमाम विरोध के बाद भी पंजाब की
सियासत में सत्ता पलट करने की भरसक कोशिशें की थीं।
लोगों का अच्छा समर्थन पार्टी को विधानसभा चुनाव से दो सप्ताह पहले
तक मिला था। इसके बाद अचानक से कट्टरपंथियों के समर्थन को लेकर खुली पार्टी की पोल
के बाद पंजाब के लाखों मतदाताओं ने आप से दूरी बनानी शुरू कर दी थी। इसके बाद
अरविंद केजरीवाल द्वारा खिसकते जनाधार को बचाने को लेकर की गई तमाम कोशिशें भी रंग
नहीं ला सकीं।
विधानसभा
चुनाव में 80 सीटों का
सपना देखने वाली आप सूबे में 20 सीटों पर
ही सिमट कर रह गई। उसके कुछ
ही समय बाद हुए गुरदासपुर लोकसभा उप चुनाव और उसके बाद जालंधर,
अमृतसर, पटियाला और
लुधियाना नगर निगम चुनावों में पार्टी की बुरी तरह से हार हुई है। चारों के निगमों के 320 वार्डों
के चुनाव में आप ने सिर्फ एक सीट जीती है। पंजाब के नेताओं ने कुछ वीडियो पेश करते
हुए सफाई दी कि कांग्रेस ने निकाय चुनाव धक्केशाही से जीता है।
लेकिन अब पंजाब आम आदमी पार्टी होली के बाद से नए रंग में नजर आने
लगी है. पंजाब आम आदमी पार्टी को दिल्ली बुलाया गया. बैठक में पंजाब प्रधान सांसद
भगवंत मान, उप प्रधान
अमन अरोड़ा, विधानसभा
में नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा और आप विधायकों के अलावा जोनल इंचार्जों को भी
बुलाया गया था। आम आदमी पार्टी के पंजाब
प्रभारी मनीष सिसोदिया ने प्रदेश में बीते दिनों हुए निकाय चुनाव में पार्टी की
करारी हार पर दिल्ली में पंजाब के नेताओं की खिंचाई की।
बैठक के बारे में अमन अरोड़ा ने बताया कि कई मुद्दों पर चर्चा की गई
है, प्रदेश के नेताओं के साथ पहली बैठक में उन्होंने
जोनल इंचार्जों से उनके जोन के बारे में पूरी जानकारी ली। इस मौके पर पंजाब के
मामलों और लगातार गिर रहे पार्टी के ग्राफ के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर
भी मंथन किया गया। दूसरी बैठक भी इसी महीने बुलाने की रणनीति पर विचार किया गया।
दिल्ली
में मंगलवार को हुई पंजाब आप की बैठक के बाद सांसद भगवंत मान ने कहा कि पार्टी को
मजबूत किए जाने की बात चर्चा हुआ.
बाईट- भगवंत मान
पार्टी सूत्रों के अनुसार आप नेताओं को हाईकमान ने लगातार खत्म हो
रहे पार्टी के जनाधार को लेकर काफी लताड़ लगाई है। यही वजह है कि दिल्ली गए नेता
बैठक के बारे में बोलने से कतरा रहे हैं। सिसोदिया ने बैठक में जोनल इंचार्जों को
ज्यादा तवज्जो दी। औऱ अब दो सप्ताह के अंदर दूसरी बैठक करके लोकसभा चुनाव की
रणनीति तैयार करनी है।
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