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मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों......आज थोडा शायराना अंदाज़ में एक वाक्य आपसे बयाँ करूंगा .. मैंने देखा कुछ लोग डूबता है तो समन्दर को दोष देते है ...मंजिल न मिले तो किस्मत को दोष देते है ..खुद तो संभल कर चलते नहीं ,,जब लगती है ठोकर तब पत्थर को दोष देतें है ,, आखिर कहाँ गए हम लोग
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