गुरुवार, 19 फ़रवरी 2015

KAHAN GAYE HUM LOG



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 मै सुनील कुमार हिमाचली मुखातिब हूँ आपसे .. दोस्तों......माना की मै आमिर नहीं हूँ.... जो भी कहो ये बात तो सच है ..लेकिन अगर कोई अपना बना ले..तो ...उसका हर गम खरीद सकता हूँ .. इसीलिए देख कर दुनिया को कभी कभी यही सोचता हूँ .. की आखिरकार .. कहाँ गए हम लोग ,,,

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