मंगलवार, 22 जुलाई 2014

eyes

आँखों में कटती है रात
कटने दो
आधी रह जाएगी
बात नहीं तो
लम्हों से हार जायेंगे शब्द
और फिर एक चुप से
शुरू होगा दिन
आज तो मन से बादल
छंटने दो
आँखों में कटती है रात
कटने दो
हर बार नहीं
इतनी हिम्मत जुटती है
हर बार नहीं
कल की चिंता जाती
हर बार न आँखों में
हैं स्याही बनते आंसू
हर बार नहीं दिल बनता
दिल की पाती
बँट जाता है गर
दुःख तो बँटने दो
आँखों में कटती है रात
कटने दो

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