सुनील)
चण्डीगढ़ मेट्रो विषय पर पिछले कुछ समय से ,राज्य सरकार ,केंद्र सरकार और दिल्ली मेट्रो रेल निगम अब तक 99 मीटिंग कर चुके है। जिसमे सिर्फ पत्र आदानप्रदान किये गये इस संबंध में अब तक कुल लागत 8 करोड़ रूपये आई है। इस परियोजना के लिए हरियाणा और पंजाब सरकार राशि का भुगतान करने के लिएतैयार है। पंजाब कैबनिट ने मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए 1.427 करोड़ रूपये की मंजूरी भी दे दी है,साथ ही केंद्र सरकार भी मेट्रो परियोजना के लिए 50%तक का भुगतानकरेगी।चंडीगढ़ मेट्रो परियोजना के लिए मसौदा योजना राइट्स सरकारी एजेंसी द्वारा तैयार की गयी है। राइट्स की रिपोर्ट में चंडीगढ़ ,मोहाली और पंचकुला के लिएसात कॉरिडोर का प्रस्ताव किया है।
"शहरी विकास मंत्रालय द्वारा दी गयी मंजूरी "निम्नलिखित कॉरिडोर बनेंगे :-
"शहरी विकास मंत्रालय द्वारा दी गयी मंजूरी "निम्नलिखित कॉरिडोर बनेंगे :-
1)मध्य मार्ग से खुड्डा लाहौर से पूर्व में आईटी पार्क तक ,जिसकी अनुमति लम्बाई 16.31 किमी।
2)मोटर मार्किट से पंचकुला बस स्टैंड से होते हुए महेशपुर तक जिसकी लम्बाई 7.8 किमी।
3)सुखना लेक से मोहाली रेलवे स्टेशन तक जिसकी लम्बाई 16.86किमी।
4)यह कॉरिडोर दक्षिण मार्ग के साथ-साथ होगा और दद्दू माजरा से एअरपोर्ट तक बनेगा।
5)आईटी पार्क से शुरू होकर मोहाली के सेक्टर 105 तक बनेगा।
6)विद्या पथ से शुरू होकर दद्दू माजरा से होते हुए मोहाली के सेक्टर 93 तक.
7)ज़ीरकपुर से होकर पंचकुला बस स्टैंड तक।
तय किया गया है कि मेट्रों प्रोजक्ट 2018 से शुरू हो जाएगा। जिसे पूरा होने में लगभग 30 वर्ष लग सकते है। जिसमे 30 स्टेशन होंगे,लाइनो की संख्या दो होगीजो रैपिड प्रकार के ट्रांज़िट पारागमन होंगे।मेर्टो की लम्बाई चार डिब्बों की होगी जिसमे सोलह वाहन प्रयोग में लाये जाएंगे।जिसमे अनुमानित रोजाना तीन लाख लोगसफर करेंगे।
मेट्रो प्रणाली के पीछे दृष्टिकोण :-
>शहर और इसके क्षेत्र भर में यात्रा और कनेक्ट्वीटी में सुधर करने के लिए।
>शहर व कस्वों के भीतर परिवहन गतिशीलता में सुधार करने की ज़रूरत।
>भूमि की कुशल व्यवस्था और परिवहन प्रणालियों की लगत यात्रा को अनुकूल करना।
>दो पहिया व चार पहिया वाहनो कि निर्भता कम करना व विश्वसनीय परिवहन विकल्प की पेशकश करना।
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