चीन के विदेश
मंत्री ने सुषमा स्वराज से की मुलाकात
चीन के विदेश
मंत्री वांग यी ने भारत की नई सरकार के साथ पहले उच्चस्तरीय मुलाकात में नई दिल्ली
में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भेंट की और व्यापार एवं निवेश समेत
प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।
वांग चीन के
राष्ट्रपति शी जिनपिंग के विशेष दूत के तौर पर भारत की नई सरकार के साथ राजनीतिक
संपर्क स्थापित करने यहां आए थे उनकी
यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन के साथ पूर्व परिचय के कारण द्विपक्षीय
संबंधों में मजबूती लाने की उम्मीद के बीच हो रही है।
वांग और सुषमा की
वार्ता के दौरान उनके शिष्टमंडल भी साथ थे, जिनमें विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। अपनी
दो-दिवसीय यात्रा में वांग राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
से भी मुलाकात की । वांग भारत के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे और
द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर गहराई से विचार-विमर्श कीया।
चीन का नया
नेतृत्व ऐसे समय में भारत के साथ रिश्तों में सुधार चाहता है, जब वह पूर्वी चीन सागर में जापान के साथ और
दक्षिण चीन सागर में वियतनाम, फिलीपींस तथा
अन्य समुद्री पड़ोसी देशों के साथ समुद्री विवाद को लेकर गंभीर चुनौतियों का सामना
कर रहा है और जहां एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी सेना का बड़ा दबाव बन रहा
है। कोई भारतीय प्रधानमंत्री 17 साल में पहली नेपाल यात्रा करने वाला है।
दिवंगत प्रधानमंत्री आईके गुजराल 1997 में नेपाल यात्रा पर आए थे।
सुषमा की इस
यात्रा के दौरान भारत ने नेपाल से कहा कि भारत की नई सरकार दोनों देशों के
बहुआयामी आपसी संबंधों को नई गति को काफी इच्छुक है। दोनों देशों ने रक्षा,
सुरक्षा, व्यापार व पनबिजली जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग
बढ़ाने का फैसला किया है। दोनों पक्षों ने 1950 की शांति व मित्रता की संधि की समीक्षा व उसमें समायोजन पर
भी सहमति जताई है, ताकि वह वर्तमान
वास्तविकताओं को परिलक्षित कर सके।
संयुक्त आयोग ने
विदेश सचिवों को इस बारे में आवश्यक सिफारिशें करने को कहा है। आयोग ने नेपाल-भारत
सीमा कार्यसमूह को जमीनी कार्य जल्द से जल्द शुरू करने को भी कहा है। यह फैसला
भारत नेपाल संयुक्त आयोग की बैठक में किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता सुषमा व
नेपाली विदेश मंत्री महेंद्र बहादुर पांडे ने संयुक्त रूप से की। दोनों नेताओं ने
नेपाल की पनबिजली क्षमताओं का आपसी हितों के लिए दोहन करने की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने
अधिकारियों से बिजली व्यापार करार (पीटीए) के मसौदे को जल्द से जल्द अंतिम रूप
देने का निर्देश दिया। इसके अलावा उन्होंने पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना की
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश अधिकारियों
को दिया है।
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