कैरी से मुलाकात
पर सुषमा
हमने जासूसी का
मुद्दा उठाया और कहा कि ऐसी जासूसी स्वीकार्य नहीं है
विदेश मंत्री
सुषमा स्वराज ने कैरी से मुलाकात पर कहा कि उन्होंने दौरे पर आए अमेरिकी विदेश
मंत्री जॉन केरी के सामने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जासूसी किए जाने का
मुद्दा उठाया और इसे लेकर भारतीय जनमानस में गुस्से से अवगत कराया। कुछ अमेरिकी
जासूसी एजेंसियों पर कथित रूप से भाजपा की जासूसी करने का आरोप है।
सुषमा ने केरी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को
संबोधित करने के दौरान कहा, "अमेरिका का यह कारनामा
हमें पूरी तरह से नामंजूर है क्योंकि हम दोनों ही मित्र राष्ट्र हैं।"
केरी ने हालांकि
कहा कि वे इस मुद्दे पर मीडिया के साथ बातीचत नहीं कर सकते क्योंकि अमेरिका की
नीति के अनुसार गुप्तचरी के मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा,
"हम गुप्तचरी के मुद्दे पर
सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं कर सकते। लेकिन हम आतंकवाद से मुकाबले को लेकर भारत
के साथ सूचनाओं के आदान-प्रदान का मूल्यांकन करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक
ओबामा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारतीयों की भावना का हम पूरी तरह से आदर करते
हैं और समझते हैं।"
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Calibri;mso-hansi-theme-font:minor-latin;mso-bidi-language:HI'>उनकी इस यात्रा
का एक मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 3 अगस्त से दो दिन की नेपाल यात्रा की तैयारी भी था। कोई भारतीय प्रधानमंत्री 17 साल में पहली नेपाल यात्रा करने वाला है।
दिवंगत प्रधानमंत्री आईके गुजराल 1997 में नेपाल यात्रा पर आए थे।
सुषमा की इस
यात्रा के दौरान भारत ने नेपाल से कहा कि भारत की नई सरकार दोनों देशों के
बहुआयामी आपसी संबंधों को नई गति को काफी इच्छुक है। दोनों देशों ने रक्षा,
सुरक्षा, व्यापार व पनबिजली जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग
बढ़ाने का फैसला किया है। दोनों पक्षों ने 1950 की शांति व मित्रता की संधि की समीक्षा व उसमें समायोजन पर
भी सहमति जताई है, ताकि वह वर्तमान
वास्तविकताओं को परिलक्षित कर सके।
संयुक्त आयोग ने
विदेश सचिवों को इस बारे में आवश्यक सिफारिशें करने को कहा है। आयोग ने नेपाल-भारत
सीमा कार्यसमूह को जमीनी कार्य जल्द से जल्द शुरू करने को भी कहा है। यह फैसला
भारत नेपाल संयुक्त आयोग की बैठक में किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता सुषमा व
नेपाली विदेश मंत्री महेंद्र बहादुर पांडे ने संयुक्त रूप से की। दोनों नेताओं ने
नेपाल की पनबिजली क्षमताओं का आपसी हितों के लिए दोहन करने की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने
अधिकारियों से बिजली व्यापार करार (पीटीए) के मसौदे को जल्द से जल्द अंतिम रूप
देने का निर्देश दिया। इसके अलावा उन्होंने पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना की
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश अधिकारियों
को दिया है।
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