कभी बॉलीवुड की रंगीन
फ़िल्म में सुना था कि प्यार अँधा होता है। लेकिन उस डायलॉग की समझ आज कहीं जाकर आई है। जब समाज में प्यार के करिंदों
और परिंदों दोनों को प्यार करते देखा। किसी का सच- किसी का जूठा - किसी का टालमटोल
वाला तो किसी का दिल बहलाने वाला और सच में जो सच्चा प्यार देखा वो था मतलब निकालने
वाला और बिल्कुल मतलबी। शायदा इन्हीं के बीच का एक अंश है - वाक्य में प्यार अँधा होता
है। क्यूंकि वर्तमान में जो समाज की क्रमबध
घटनाएं सामने आ रही है उनसे तो शत प्रतिशत यही अंदाज़ा लगाया जा सकता है
कि प्यार की कोई उम्र तो नहीं होती लेकिन उस
जब उम्र ने पढ़ाव प्यार करने की दहलिज से बाहर रख दिया हो तो सही भी नहीं लगता - एक
२३ साल की लड़की के ३३ साल के लडके से प्रेम संबंध। सही उस लड़की ने क्या देख कर उस लड़के
से नाता जोड़ा होगा। या शादीशुदा महिला प्रेमी संग भागी। और २ बच्चों की माँ ने किया प्रेमी के साथ मिलकर पति हत्या, कुछ ऐसी ही ख़बरें भी अक्सर समाचार पत्र की
सुर्खियां बनी रहती है।तब भी आप स्वंय जान सकते हो कि वाक्य में अँधा होता है प्यार !
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