गुरुवार, 21 मई 2015

DHARMSHALA GAING RAPE



देव भूमि बना दिल्ली - बलात्कार – आज का विशेष समाचार
आए दिनों किसी भी पन्ने पर किसी की सोशल नेट्वोर्किंग साइड पर पढ़ने को मिलता है वस् एक ही अध्याय – बलात्कार – आज का विशेष समाचार .भूतकाल से लेकर वर्तमान तक और न जाने भविष्य में भी और कितनी ऐसी घटनाए सामने आएंगी जो फिर से ‘निर्भया कांड’ का दर्द जगाएँगी .16 दिसम्बर 2012का निर्भया काण्ड या फिर मोगा बस कांड 25 अप्रैल 2015 की आग से चलने वाली हवाओं की तपश कम हुई ही नहीं कि फिर से हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में गैंगरेप की ख़बरों ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया है .प्रशासन जहाँ चुपी साधे हुए है वहीँ कुछ अलानेताओं को इस खबर की भनक तक नहीं थी. (सो रहे थे नेता-मस्ती में था बेटा- देश की बेटी की इज्जत को तार-तार करके ,हवस का बना शिकार बाँहों में लपेटा)और कुछके अधिकारीयों का यहाँ तक कहना भी है की ऐसा कोई कांड हुआ ही नहीं .अब ये घटना सची है या झूठी उस लड़की के सामने आने पर ही ज्ञात होगा ,पर सवाल ये भी उठता है कि प्रशासन के द्वारा उस लड़की के ब्यान को जनता के सामने क्यों नहीं लाया जाता है .वहीँ कयास ये भी लगाए जा रहे है कि गैंगरेप के आरोपियों के सम्बन्ध राजनितिक घरानों से होने के चलते मामले को दबाया जा रहा है .परन्तु ये कदापि उचित नहीं है ,जो भी अधिकारी इस मामले को दबा रहे है क्या सिर्फ इसलिए की पीड़ित लड़की उनकी बेटी या बहन नहीं थी या फिर उनके किसी रिश्तेदार की बेटी नहीं है ,बताया जाता है घटना शुक्रवार 15 मई 2015 की है लेकिन चार दिन तक मामले को दबाया गया ,यहाँ तक की समाचार पत्र की सुर्ख़ियों से भी मिटाया गया .सोमवार तक सोशल मिडिया में आने के बाद मुद्दा उछालना शुरू हुआ लेकिन अब भी किसी प्रकार का सरकार ,प्रशासन द्वारा उचित कदम नहीं उठाया गया ,एस आई टी की गठित टीम जाँच कर रही है ,लेकिन संज्ञान में क्या है कुछ ज्ञात नहीं ,हर प्रश्न धर्मशाला गैंग रेप के उपर पहेली सा बन गया है ,लेकिन जाहिर सी बात है ( डर का दावानल हवस के प्यासों के भी सोने नहीं देता होगा ,हर चढ़ते सुरज से डूबते चाँद तक उनको भी चिंता होगी अपने किए हुए की शमशान तक ).आज नही तो कल आरोपी सलाखों के पीछे होंगे ,आखिर कब तक बकरे की माँ खैर मानेगी . आखिर में आरोपी पकडे जाने पर यही कहेंगे - मैं अंग छूकर कहता हूँ साहब, मैने पाजेब नहीं देखी,,,,वैसे भी अब मुदा सुलग उठा है धर्मशाला गैंगरेप के चलते एक बार फिर इतिहास दोहराया जाएगा नहीं रचाया जाएगा क्योंकि इस बार भी युवा और विद्यार्थियो की शक्ति और उनकी एकता ,एक है .
लिखा जाएगा हिमाचल प्रदेश का नया ‘राजनितिक कांड’
जिस तरह से दिल्ली के बाद अब गैंगरेप का मामला हिमाचल प्रदेश के छोटे से शहर धर्मशाला में सामने आया है ,ये मामला भी दिल्ली की राजनीती की तरह ‘तख्ता पलट’ करवा सकता है जिसमे निसंदेह कोई संकोच नहीं है .क्यूंकि दिल्ली में 2012 की घटना के बाद ही राजनितिक गलियारों से हवा ने रुख विपक्ष की और मोड़ लिया था ,और शायद ये भी प्रकृति का ही कोई संकते था ,और धर्मशाला विश्वप्रसिद्घ होने के नाते इस तरह की घटना कलंकित करती है देव भूमि हिमाचल की छवि को . और धर्मशाला गैंगरेप मामले में आरोपियों के सर पर राजनीतीkक हाथ होने के कारण इस मामले की सुलग को दबाया जा रहा था ,और जब आरोपी सामने आएँगे तब यही कहलाया जाएगा - गवाह मेरे भाई का मित्र निकला, उसने उसे आँख मारी, अन्यथा वह मेरे विरुद्ध गवाही दे देता। वैसे सम्भव है यदि इस मामले को राजनीती उठापठक के बीच बातों के आंकड़ो में  आँका जाता है तब भविष्य में हिमाचल प्रदेश की राजनीती में फेरबदल संभव है और उदहारण दिल्ली का आपके समक्ष है .

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