हम लिखते है क्योंकि
कलम के हाथों मजबूर है
किया जो तुमने वादा है खुद से
हुए नहीं कांच की तरह चूर है
उसकी चाहत में वेशक
गिर गए थे हम
फिर भी आज तक हुआ नहीं
सन्नी तेरे प्यार में दिल बेईमान
दिल्लगी नहीं की थी
हुई भूल जो प्यार कर लिया
इसी को उसने बीच महफ़िल
क्यों नीलाम कर दिया
आज आता ना ये दिन
हर चांदनी रात में देख चाँद को
उसकी ख़ुशी के लिए जाम भर लिया
कलम के हाथों मजबूर है
किया जो तुमने वादा है खुद से
हुए नहीं कांच की तरह चूर है
उसकी चाहत में वेशक
गिर गए थे हम
फिर भी आज तक हुआ नहीं
सन्नी तेरे प्यार में दिल बेईमान
दिल्लगी नहीं की थी
हुई भूल जो प्यार कर लिया
इसी को उसने बीच महफ़िल
क्यों नीलाम कर दिया
आज आता ना ये दिन
हर चांदनी रात में देख चाँद को
उसकी ख़ुशी के लिए जाम भर लिया
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