शुक्रवार, 31 जनवरी 2014

akser e dastaan

अक्षर -ए -दस्तान 
 
करता हूँ जब भी बात 
आती है आपकी 
बातों में बात 
लग जाती है आग 

जब भी होती है आपकी बात 
वो भूली बिसरी याद 
करते थे चाँद तारों कि बात 
आज बरसते हैं सावन 
भीगे नयनो के साथ 

धुंधला सा आकाश 
आता है नज़र 
पलकों के मध्य 
सावन भरने के बाद 

कैसे भुलाऊँ'सुनील' बीते
 लम्हों  की बदलती यादें
बदलते वक्त की बदलती बातें   
अक्षर-ए-दास्तान की सौगातें 
   (सुनील कुमार हिमाचली )

kanwer grewal

सूफ़ीयना गायिकी का अलग ही है नजराना 

चंडीगढ़(सुनीलजहाँ हर कोई हिप-हॉप ,रॉक गीतों के सुरों में लीन है वहीं सूफ़ी सुरों की सरगम दोबारा सुनने को  मिली है। हाल ही में सूफ़ी गायक कनवर गरेवाल फ्रेंचप्रेस हाऊस-16 में अपनी दूसरी एल्बम'जोगीनाथको लॉन्च करने के लिए तशरीफ़ लाये।  नगरबाणी से हुई वार्ता में उन्होंने कनवर ने सूफ़ीयना गायिकी  के सफर की शुरुआत के बारे में बताते हुए कहा कि वह पेशे से कॉलज अध्यापक थे। एक दिन मेरा दोस्त मालेरकोटला के फलौंद गांव के'मीरा दा साईं'दरबार ले गया और मेरा चित बस वहीं का होकर रह गया।उन्हों ने गायकी के बारे में बताया कि पंजाबी यूनीवर्सिटी से एमए इन म्यूजिक करने के बाद यहीं नौकरी मिल गई।एलबम में कुल 8 गाने है जिन्हें अलग अलग गीतकारों ने लिखा है। 
जब उनसे भविष्य में आने वाले एल्बम की बात पूछी तो कहा कि 'बस साईं  कि मैहर जो होगी',जब भी स्टेज शो करने जाता हूं और वापिस डेरे में ही आता हूं।मुझे स्टेज़ शो करके दिल से शांति महसूश  होती है। मेरे लिए संगीत का मतलब सिर्फ ऊपर वाले से जुड़ना,साईं से जुड़ना है.क्योंकि सूफ़ीयना गायिकी का अलग ही नजराना है जो खुद से खुदा तक ले जाती है, उसक साथ जोड़ देतीहै।

rti

सरकारी दफ्तरों के चक्कर से व् रिश्वत से मुक्ति दिलाएगा पंजाब सेवा अधिकार   

 भारत के हर एक नागरिक का मौलिक अधिकार  है सुचना का अधिकार। अभी भी बहुत  से ऐसे लोग है जिन्हे इस कानून के बारे में   पूरी जानकारी हासिल नहीं है  इस कानून की  मदद से कोई भी व्यक्ति  किसी भी विभाग में उसके   काम के ना होने की जानकारी महज 10 रूपए में सूचना  का अधिकार कानून के तहत मांग सकता है सूचना का अधिकार 2005 अधिनियम भारत में भर्ष्टाचार कम करने व् सरकारी कामो में पारदर्शता  लाने के लिए लाया गया है पंजाब सरकार ने  पंजाब सेवा  अधिकार एक्ट 2 011 को  लोग के कामो को बिना किसी रूकावट व् बिना रिश्वत के  लोगो को उपलब्ध करवाने के लिए बनाया है  अपनी इस सेवा  को  पहले से बेहतर बनाने   के लिए पंजाब सरकार ने  नेशनल इन्फार्मेटिक सेंटर  के द्वारा   एक सॉफ्टवेयर तैयार करवाया है जो 15 फरवरी से लोगो के सामने होगा इस सॉफ्टवेयर पर काम करने की जानकारी के लिए एक्ट से जुड़े अधिकारियो को  दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया चंडीगढ़ में महात्मा गांधी स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में प्रेस वार्ता के दोरान डॉ दलबीर सिंह वेरका ने बताया कि इस एक्ट के बारे में लोगो को जागरूक करने के लिए कमिशनर  व् समूह कमिशनरों  की तरफ से राज्य के सभी जिलो के दौरे  कर लोगो को जागरूक किया जा रहा है इस एक्ट को प्रभावशाली बनाने के लिए जिले से आये सभी विभागो के मुखियों को  सॉफ्टवेयरकी ट्रैनिंग दी जा रही है  इस सॉफ्टवेयर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस सॉफ्टवेयर की  मदद से  घर बैठे कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत की कार्यवाई के बारे में जान सकता  है  अधिकारी कि काम करने  का  समय भी निश्चित कर दिया गया है अगर कोई अधिकार समय रहते काम नहीं करता तो उसे 250 रुपये एक दिन के हिसाब से जुर्माना व् 500 से 5000 तक का दंड देने का प्रावधान किया गया है इस सॉफ्टवेयर को सबसे पहले पायलट जिले मोहाली में लगाया जायेगा फिर बाद में पंजाब के सभी जिलो व् शहरो में इस सॉफ्टवेयर का इस्तमाल किया जायेगा 15 फरवरी को   इस वेब साईट को  लॉन्च कर  दिया जायेगा  जिस से कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत की  स्थिति वेबसाइट के जरिये चेक  कर सकता है  सरकार ने सुचना के अधिकार अधिनियम के तहत इस   वर्ष   अपनी 149 सेवायो में 7 सेवाए और शामिल कर दी  है जिसमे कृषि ,स्कूल शिक्षा,उच्च शिक्षा बिजली विभाग ,पेंशन,आदि शामिल  है   इस वेबसाइटwww.prscpunjab.gov.in    के जरिये लोग अपनी शिकायतो के काम के बारे में जान सकेंगे 

salman khan

राजनीति कि भेंट चढ़ी :जय हो …
ज्योति ठाकुर  / सुनील (चंडीगढ़ ) जय हो,,, फ़िल्म की रिलीज़ से लेकर अब तक दर्शकों कि फ़िल्म के प्रति कुछ ख़ास प्रतिक्रिया नज़र नहीं आयी है और न ही सल्लू मियां के प्रशंशक संतुष्ट नज़र आये हैं ,  जय हो फ़िल्म की फीकी शुरुआत पर बॉलीवुड समीक्षक कोमल नाहटा ने कहा है कि इस बार उनकी फ़िल्म ना चलने कि वजह मोदी हैं। उनके अनुसार सलमान की  मोदी से मुलाक़ात उन्हें महंगी पड़  गयी है।   24 जनवरी को रिलीज़ हुई फ़िल्म के आंकड़े यह बताते हैं कि मोदी की तारीफ करने से एक बड़े मुस्लिम वर्ग  ने जय हो का बहिष्कार किया है , इसलिए उनकी यह फ़िल्म पिट गयी है।जिसके चलते फ़िल्म राजनीति की भेंट चढ़ गई।   गौरतलब है कि 26  जनवरी को रिलीज़ हुई सलमान की फ़िल्म  में भी उम्मीद के मुताबिक कमाई नही कर पायी।

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंदर मोदी के साथ पतंग उड़ाने और गुड मैन बताने के बाद ऑल इंडिया मिजिलिस -ए -इत्तिहादुल मुस्लीमीन ने जय हो का विरोध करते हुए अपने समर्थकों को जय हो न देखने के लिए कहा।  पार्टी के अध्यक्ष और हैदराबाद सांसद असदउद्दीन  ओबैसी  ने सलमान पर जमकर जुबानी प्रहार करते हुए कहा कि सलमान महज एक नाचने गाने वाला एक्टर है और दर्शकों को उसके बेहूदापन को नहीं देखना चाहिए , यही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि सलमान नाम रख लेने से कोई भी सलमान नहीं बन जाता , सलमान तो रुश्दी भी हैं। मकर सक्रांति वाले दिन दबगं मैन व  गुजरात के मुख्य मंत्री और बीजेपी के पी एम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी के साथ पतंग उड़ाई थी और उन्होंने गुजरात में मोदी के काम कि प्रशंशा भी की थी और अपनी फ़िल्म की प्रमोशन के लिए मकर सक्रांति के उपलक्ष्य पर  पहुंचे खान ने घाटलोड़िआ में सालाना पतंग महोत्सब में मोदी के साथ  भाग लिया था।

मंगलवार, 21 जनवरी 2014

imtiaz and alia

                बाथरूम सिंगर है ;आलिया...........खोया रहता हूँ ;इम्तियाज़
चंडीगढ़ (सुनीलफिल्म निर्देशक इम्तियाज अली  आलिया भट्ट होटल ताज में अपनी आने वाली फिल्म हाईवे की प्रमोशन के लिए पहुंचे जोकि 21 फरवरी को रिलीजहोगी।फिल्म की लीड में रणदीप हुड्डा और आलिया भट्ट हैं। फिल्म में रणदीप पैसों के लिए आलिया को अगवाह कर लेता हैं इस बीच उन्हें आलिया से प्यार हो जाता है। इसफिल्म में संगीत एआर रहमान ने दिया है। फिल्म की कहानी कुछ साल पुरानी है जोकि टीवी पर आने वाले नाटक ‘रिश्ते’ में भी दर्शक देख चुके है।
नगरबाणी से हुई वार्ता में आलिया भट्ट ने बताया कि सिंगिंग उनकी आदत है।क्योंकि मैं तो बीएस बाथरूम सिंगर हूँ,फिल्म में एक गाना मैंने गया है,लेकिन यह काफी लंबागाना था.जिसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। ‘पटाखा गुड्डी’ नामक टी-शर्ट पहने आई आलिया ने कहा कि मेरा किरदार ‘जब वी मेट’ की करीना कपूर जैसा नहीं है।
फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली का कहना है कि मैं खुद थोड़ा खोया हुआ हूंइसलिए मेरी फिल्मों में किरदार भी खोये रहते हैं। खोया रहना अच्छी बात है। मेरी हर फिल्म मेंपंजाब सेंट्रल प्वाइंट होता है। मेरी आने वाली फिल्म 'हाईवेभी पंजाब की सड़कों से  गुजर कर  कश्मीर तक आपको एक लव स्टोरी देखने को मिलेगी।जब मै 9वीं  क्लास मेंअपने छोटे भाई आतिफ के साथ जमशेदपुर में रहता था  घर के एक हिस्से में सिनेमा घर था। मै जिस कमरे में रहता थाउस कमरे की दीवार सिनेमा घर से सटी हुई थी।फिल्म चलने पर आवाज़ सुनाई देती थी और रात को अक्सर अपने भाई को घर पर अकेला छोड़कर फिल्म देखने जाया करता था। सिनेमा के इस जुनून के चलते मई उससाल  9वीं क्लास में फेल हो गया था।बिमल रॉयराज कपूर और विजय आनंद। ञ्च फेवरेट फिल्मी जोड़ीदिलीप कुमार और मधुबाला मेरे हमेशा फेवरेट हैं।इस फिल्म मेंतीन चीजें खास हैंआलिया भट्टरणदीप हुड्डा और एआर रहमान इस फ़िल्म की शूटिंग खत्म होने के बाद क्लाइमेक्स डिसाइड किया गया था। उनसे भविष्य कि बात कीगयी तब उन्होंने कहा अभी मेरे दिमाग में सिर्फ आईडिया है , जिसपर मै  रिसर्च कर रहा हूँ। बाकि इस फिल्म को एन्जॉय करो और फीडबैक  के लिए लोग इनकरें,,,, highwaythefilm.com

republic day

                             जनता काजनता के लिए                                                                     
चंडीगढ़(सुनील )  गणतंत्र यानी जनता काजनता के लिए और जनता द्वारा..... गणतंत्र दिवस अर्थात जनता का राष्ट्रीय पर्व,परन्तु क्या आम जनता पने इस राष्ट्रीय त्यौहार को उतने ही उत्साह के साथ मनाती है ितने उत्साह से देश में होली,दिवाली जैसे धार्मिक सामाजिक पर्व मनाये जाते हैं ?   वैसे भी गणतंत्र दिवस का अपना िशेष महत्त्व है  ! 2014में भी देश अपनी आज़ादी और सके बाद हुए व्यवस्था परिवर्तन की खुशियाँ मनाने की तैयारियों में जुटा है    .गणतंत्र दिवस के अवसर पर होने वाले इस सालाना जलसे मे राजपथ  देश भर से आये कलाकारसैनिक और स्कूली बच्चे अपनी कला के रं बिखेरेंगे और सरहदों की हिफाज़त करने वाली सेनाओं के जवान अपनी ताकत और जोश के जरिये एक बार फिर हमें इस बात का विशश्वास िलाएंगे की हमारादेश पूरी तरह सुरक्षित है  !
भारत का संविधान दुनिया का सबसे बडा लिखित संविधान है। संविधान में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था की गई है जिसकी संरचना कुछ अपवादों के अतिरिक्त संघीय है। केन्द्रीय कार्यपालिका कासांविधानिक प्रमुख राष्ट्रपति   है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसारकेन्द्रीय संसद  की परिषद् में राष्ट्रपति तथा दो सदन है जिन्हें राज्यों की परिषद्राज्यसभा तथा लोगों का सदन लोकसभा  के नाम सेजाना जाता है। संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद् होगी जिसका प्रमुख प्रधानमन्त्री  होगाराष्ट्रपति इस मंत्रिपरिषद्की सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्पादन करेगा। इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद् में निहित है जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री है।मंत्रिपरिषद् सामूहिक रूप से लोगों के सदन (लोक सभाके प्रतिउत्तरदायी है। प्रत्येक राज् में एक विधानसभा है। जम्मू कश्मीरउत्तर प्रदेशबिहारमहाराष्ट्रकर्नाटक और आंध्रप्रदेश में एक ऊपरी सदन है जिसे विधानपरिषद्  कहा जाता है। राज्यपाल  राज् का प्रमुख है।प्रत्येक राज् का एक राज्यपाल होगा तथा राज् की कार्यकारी शक्ति उसमें विहित होगी। मंत्रिपरिषद्जिसका प्रमुख मुख्यमन्त्री  हैराज्यपाल को उसके कार्यकारी कार्यों के निष्पादन में सलाह देती है। राज् कीमंत्रिपरिषद् सामूहिक रूप से राज् की विधान सभा के प्रति उत्तरदायी है।संविधान की सातवीं अनुसूची में संसद तथा राज् विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किया गया है। अवशिष् शक्तियाँ संसदमें विहित हैं। केन्द्रीय प्रशासित भूभागों को संघराज् क्षेत्र कहा जाता है। 
   26 जनवरी, 1950 को भारत देश के संविधान को लागू किया गया.तब से आज तक इस दिन को देश गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है .26 जनवरी आजादी से पहले भी देश के लिए एक अहम दिन था.भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1930 के लाहौर अधिवेशन में पहली बार तिरंगे झंडे को फहराया गया था इसके साथ एक और महत्वपूर्ण फैसला इस अधिवेशन के दौरान लिया गयाकि प्रतिवर्ष 26 जनवरी कादिन “पूर्ण स्वराज दिवस” के रूप में मनाया जाएगा इस दिन सभी स्वतंत्रता सेनानी पूर्ण स्वराज का प्रचार करेंगे भारतीय संविधान के वास्तुकार, भारत रत्न से अलंकृत डॉ। भीमरा अम्बेडकर   समिति के अध्यक्ष थे। भारतीय संविधान के निर्माताओं ने विश्व के अनेक संविधानों के अच्छे लक्षणों को अपने संविधान में आत्मसात करने का प्रयास किया है। इस दिन भारत एक सम्पूर्ण गणतान्त्रिक देश बन गया।इस तरह 26 जनवरी अघोषित रूप से भारत का स्वतंत्रता दिन कहलाया गया। 211 विशेषज्ञों के द्वारा दो साल ग्यारह महीने और 18 दिनों में भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ था !
25 नवम्बर 1949 को देश के सँविधान को मंजूरी मिली.24 जनवरी 1950 को सभी सांसदों और विधायको  ने इस पर हस्ताक्षर किए और इसके दो दिन बाद ही  26 जनवरी 1950 को सँविधान लागू कर दिया याडॉराजेन्द्र प्रसाद देश को पहले राष्ट्रपति बने !तब से 26 जनवरी,1950का दिन भारत के लिए विशेष महत्व रखता है !26 जनवरी का दिन भारत के साथ ही साथ ऑस्ट्रेलिया के लिए खास महत्व रखता है.ऑस्ट्रेलिया में 26 जनवरी को आधिकारिक राष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया है. 26 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया डे भी कहा जाता हैऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री इस मौके पर राष्ट्र को संबोधित करते हैंयह दिन ऑस्ट्रेलियामें ब्रिटिश उपनिवेश के आरंभ को दर्शाता हैजिस गणतंत्र ने हमें अभिव्यक्ति की आजादीकहीं भी रहने और घूमने की आजादी और अन्य अधिकार दिए थे उसे हम याद ही नहीं रख पाएआज लोग अपने अधिकारोंके लिए तो लड़ते हैं लेकिन अपने कर्तव्यों से दूर भागते हैं और यही वजह है.आज 64 साल बाद भी देश गणतंत्र होने के बावजूद भ्रष्टाचारमहंगाई और सामाजिक बुराइयों में फंसा हुआ है !